2024 Hariyali Teej kab hai – हरियाली तीज क्यों मनाई जाती है ? हरियाली तीज का क्या महत्व है

Hariyali Teej 2024 : हरियाली तीज सावन महीने के शुक्ल पक्ष  में हिन्दू धर्म के लोगों द्वारा मनाया जाने वाला सबसे प्रसिद्ध त्यौहार है आमतौर पर हरियाली तीज का त्योहार जुलाई या अगस्त महीने में मनाई जाती है

हिन्दू धर्म के अनुसार हरियाली तीज का त्योहार सुहागन महिलाओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है क्योकि इस दिन को त्यौहार सौंदर्य और प्रेम का उत्सव मनाया जाता है सावन महीने में पुरे भारत में चारो तरफ हरियाली की एक सुंदर परत बन जाती है जो मन को मोह लेती है

Hariyali Teej को महिलाये लोक गीत गा कर झुला – जुलते हुए बहुत ही धूम धाम से मनाती है बहुत सी जगह पर हरियाली तीज के दिन मेले का भी आयोजन होता है और माता पार्वती और भगवान शिव जी झांकी निकली  जाती है सावन का महीना भगवान शिव का सबसे प्रिय मन जाता है सावन महीने से अगले चार महीनों तक भारत में बहुत त्योहारों की शुरुआत हो जाती है जिनमे से एक त्यौहार Hariyali teej भी है

hariyali teej

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हरियाली तीज कब है ( Hariyali Teej kab hai )

हरियाली तीज सावन महीने की तृतीया तिथि  दिन शनिवार  तारीख – 19 अगस्त 2023 को है 

हरियाली तीज का क्या महत्व है ( Hariyali Teej ka mahtav )

हिन्दू धर्म में हरियाली तीज को सबसे महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है यह त्यौहार सुहागन महिलाओं के लिए बहुत मायने रखता है hariyali teej को भगवान शिव जी और माता पार्वती का प्रतीक माना जाता है

हरियाली तीज के दिन जो महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती है उनके पति को दीर्घ आयु की प्राप्ति होती है पुराणों में ऐसा भी माना जाता है

माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए 108 जन्मो का तप किया तब जाकर भगवान शिव जी ने पार्वती को स्वीकार किया तब से इस दिन से ही सावन महीने की तृतीय तिथि को हरियाली तीज के रूप में मनाया जाता है

हरियाली तीज के व्रत का महत्व (Hariyali teej vrat ka mahtav)

हरियाली तीज का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत ही ज्यादा मायने रखता है हरियाली तीज के व्रत को जो महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती की विधि पूर्वक पूजा अर्चना करती है उनके पति को लम्बी आयु की प्राप्ति होती है इस दिन सुहागिन महिलाओं को अपने घर से आए हुए वस्त्र को धारण करना चाहिये

हरियाली तीज व्रत की विधि (Hariyali teej vrat vidhi in hindi)

हरियाली तीज के व्रत करते समय नीचे दी हुई बातो का ध्यान रखना चाहिये

1 .  हरियाली तीज के व्रत के दिन सुहागिन महिलाओं को सुबह ब्रह्म मुहूर्त में ही स्नान करना चाहिये

2 . इस दिन सुहागिन महिलाओं को अपने घर से आए हुए वस्त्र ही पहनने चाहिए 

3 . पूजा वाले स्थान को साफ करके गंगाजल से पवित्र करना चाहिये 

4 . एक चौकी पर लाल कपड़ा लगा के भगवान शिव जी और माता पार्वती की मूर्ति को स्थापित करना चाइये 

5 . पूजा करते समय सुध घी का दीपक लगाना चाहिए 

6 . सबसे पहले भगवान गणेश जी का आवाहन करना चाहिये 

7 . इसके बाद माता पार्वती और भगवान  ध्यान करते  संकल्प लेना चाहिए 

8 . पूरे विधि विधान से पूजा करने के बाद आरती करनी चाहिये   

हरियाली तीज का शुभ मुहूर्त (hariyali teej ka subh muhurat )

हरियाली तीज का शुभ मुहूर्त 19 अगस्त 2023 दिन- शनिवार

तृतीया तिथि प्रारम्भ – 18 अगस्त 2023 को रात 8:00 बजे से 

तृतीया तिथि समाप्त– 19  अगस्त 2023 को रात 10:45 बजे तक

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हरियाली तीज व्रत की कहानी (Hariyali teej vrat ki kahani )

हरियाली तीज व्रत की कहानी

हिन्दू धर्म में सभी व्रतों की कोई कथा कहानी होती है वैसे ही हरियाली तीज के व्रत की भी कहानी है पुराणों में बताया गया है की भगवान शिव ने माता पार्वती जी को उनके पुराने जन्म का स्मरण कराने के लिए हरियाली तीज की कहानी सुनाई थी 

भगवान शिव जी माता पार्वती जी को  कहते है की तुमने मुझे अपने पति के रूप में पाने के लिए हिमालय की पहाड़ियों में बहुत तप किया है भूखे पेट रह कर बहुत कष्ट सहे है इन सब को देख कर तुम्हारे पिता जी बहुत दुखी होते है

तभी एक दिन तुम्हारे घर पर नारद जी आते  है और तुम्हारे पिताजी से कहते है की मुझे भगवान विष्णु जी ने भेजा है वो तुम्हारी पुत्री की तपस्या को देख कर बहुत प्रसन्न हुए है वो आपकी पुत्री से शादी करना चाहते है 

तुम्हारे पिता जी ये सुनकर बहुत खुश हो जाते है और शादी के लिए है कर देते है लेकिन तुमने मन ही मन ( शिव जी ) को अपना पति स्वीकार कर लिया था लिया था

आपकी सहेलियों  बात पता चली तो उन्होंने आपको एक बहुत गहरे जंगल में छुपा दिया था जहा  कोई न पहुंच सके वह तुम गहरी गुफा में मिट्टी की शिवलिंग बना के मेरी तपस्या में लीन हो गई थी 

उधर तुम्हारे पिताजी पर्वतराज बहुत परेशान थे कहि भगवान विष्णु जी बारात लेकर न पहुंच जाये ऐसे ही ढूंढ़ते -ढूंढ़ते तुम्हारे पिता जी गुफा तक पहुंच जाते है जहा तुम मेरी तपस्या में लीन थी तुमने अपने पिताजी को बताया की में शिव को अपने पति के रूप में स्वीकार कर लिया है

आज मेरी तपस्या पूर्ण हो गयी में आपके साथ तभी चलूंगी जब आप मेरी शादी शिव से करेंगे तुम्हारे पिता जी मान गए और हमारी शादी हुई तुमने जो व्रत किया उसी की वजह से हमारी शादी हुई और उस दिन से जो भी कुवारी लड़की और सुहागन औरत पूरी निष्ठा  व्रत को करती है में उसको मनवंवहित फल देता हु सदा सुहागन का वरदान देता हूँ |

हरियाली तीज पर क्या खास खाना चाहिए?

हरियाली तीज पर खाने की लिस्ट तो खत्म ही नहीं होगी उन्ही में से कुछ है – घेवर ,गुजिया, सुहाली ,मालपुआ आदि  


हरियाली तीज में कौन सा फल खाना चाहिए?

हरियाली तीज में वनस्पति ,केला,सेब जैसे फल खा सकते है 


हरियाली तीज की कहानी क्या है?

भगवान शिव जी माता पार्वती जी को  कहते है की तुमने मुझे अपने पति के रूप में पाने के लिए हिमालय की पहाड़ियों में बहुत तप किया है भूखे पेट रह कर बहुत कष्ट सहे है जो व्रत किया उसी की वजह से हमारी शादी हुई

हरियाली तीज के दिन क्या नहीं करना चाहिए?

हरियाली तीज के दिन ( दिन ) में सोना नहीं चाहिये



हरियाली तीज का दूसरा नाम क्या है?

हरियाली तीज का दूसरा नाम हरतालिका व्रत है

हरियाली तीज का शुभ मुहूर्त कब है ?

हरियाली तीज का शुभ मुहूर्त 19 अगस्त 2023 दिन- शनिवार
तृतीया तिथि प्रारम्भ – 18 अगस्त 2023 को रात 8:00 बजे से 
तृतीया तिथि समाप्त– 19  अगस्त 2023 को रात 10:45 बजे तक

हरियाली तीज कब है ? 2023

हरियाली तीज सावन महीने की तृतीया तिथि  दिन शनिवार  तारीख – 19 अगस्त 2023 को है 

आज आपने क्या सीखा?  

मुझे उम्मीद है की आपको ये  पोस्ट Hariyali Teej kab hai – हरियाली तीज क्यों मनाई जाती है ? हरियाली तीज का क्या महत्व है  के बारे में जरूर पसंद आई होगी मेरी कोशिश रहती है की में आप लोगों को  Hariyali तीज के बारे में पूरी जानकारी प्रदान कर सकू | 

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